हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
مَن لَم يَملِكْ غَضَبَهُ لَم يَملِكْ عَقلَهُ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जो अपने गुस्से का मालिक ना हो, वह अपनी अक़्ल का मालिक भी नहीं होता।
अल काफी, भाग 2, पेज 305, हदीस नं 13
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